लहसुन आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है।
सुबह कच्चा लहसुन पानी के साथ लेने पर आपके शरीर को डिटॉक्स करने का बेहतरीन तरीका है.
अगर आप एक गिलास पानी के साथ कच्चा लहसुन रोजाना खाते हैं तो आप कई प्रकार के कैंसर, डिप्रेशन और डायबिटीज से भी बच जाते हैं.
रोजाना कच्चा लहसुन खाने से रक्त में उपस्थित ग्लूकोज लेवल को कम करने में मदद मिलती है, जिसकी वजह से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है.
पहले भी ऐसा माना जाता रहा है कि अगर आप कच्चे लहसुन के साथ पानी लेते हैं तो आप टीबी की बीमारी से भी बच सकते हैं.
लहसुन का सेवन आपके बैड कोलेस्ट्रोल को कम करता है और आपको ह्रदय को कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से बचाता है.
लहसुन के सेवन से यूटीआई यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण और किडनी इंफेक्शन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है क्योंकि इन दोनों संक्रमणों से लड़ने में लहसुन कारगर है. यूटीआई से परेशान महिलाओं को भी रोज सुबह एक गिलास पानी के साथ लहसुन खाना चाहिए.
अगर आप रोजाना पानी के साथ लहसुन का सेवन करते हैं तो आपको सर्दी-जुकाम और अस्थमा आदि छू भी नहीं सकता है.
दूध और लहसुन, दोनों ही सेहत के लिए लाभदायक
1 कोलेस्ट्रॉल - दूध और लहसुन का मिश्रण आपकी हृदय धमनियों की रूकावट यानि उसमें जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में मदद करता है और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या दूर होती है।
2 कब्ज - आयुर्वेद के अनुसार यह प्राकृतिक पेय, आंतों को सक्रिय कर कब्ज की समस्या को दूर करता है और गुदा मार्ग को भी नर्म बनाता है।
लहसुन और शहद को मिलाकर खाने के फायदे
1. साइनस और सर्दी जुकाम
यदि साइनस की समस्या या सर्दी जुकाम हो गया हो तो आप लहसुन और शहद को मिलाकर सेवन करें। ऐसा करने से शरीर के अंदर की गर्मी बढ़ती है जिससे ऐसे सभी रोग खत्म हो जाते हैं।
2. गले में इंफेक्शन
इंफेक्शन का गले में होना एक आम समस्या है। यह संक्रमण की वजह से होता है। शहद और लहसुन को एक साथ मिलाकर सेवन करने से गले की समस्याएं जैसे गले में सूजन, गले में खराश आदि दूर हो जाती है।
ये लोग लहसुन खाने में बरतें सावधानियां
रोजाना सुबह हमेशा ताजा लहसुन खाना तो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक तो होता ही है लेकिन कुछ लोगों के लिए ये हानिकारक भी होता है ऐसे लोगों को लहसुन खाने से बचना चाहिए. इसके अलावा ज्यादा लहसुन खाने से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि लहसुन का अधिक सेवन आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है. साथ ही ये भी बता दें कि जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, वो कच्चा लहसुन बिलकुल न खाएं. इनके अलावा गर्भवती महिलाओं और अल्सर के मरीजों को भी रोज लहसुन खाने से बचना चाहिए.
अधिक लहसुन खाने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कच्चा लहसुन खाने या लहसुन का अधिक सेवन करने से शरीर पर जानलेवा दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।
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लहसुन (Garlic) का वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है। लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में एक ऐलीसिन भी है जिसे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है।लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है। इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक यौगिक प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाये जाते हैं।